श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में सरकार गठन पर आज अनिश्चितता उस वक्त बढ़ गई, जब सख्त लहजे में बात करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने संकेत दिए कि अगर बीजेपी गतबंधन के एजेंडे को पूरा नहीं करती, तो वह राज्य में दोबारा चुनाव में जाने से हिचकेंगी नहीं।
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि शनिवार शाम पार्टी नेताओं के साथ चार घंटे चली एक बैठक में महबूबा ने कहा कि वह पार्टी की मूल विचारधारा से समझौता नहीं करेंगी, भले ही इस वजह से फिर से चुनाव में उतरना पड़े। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा, 'मैं पीडीपी की मूल विचारधारा पर अडिग रहूंगी, चाहें मैं अकेली ही क्यों होऊं। मैं लोगों के पास वापस जाऊंगी।'
दरअसल राज्य में सरकार गठन को लेकर पार्टी में एक राय नहीं बन पाई है। इस बैठर में शामिल कई नेता तत्काल सरकार बनाने के पक्ष में थे। ऐसे में पीडीपी प्रमुख का पार्टी नेताओं को भी साफ संदेश माना जा रहा है। हालांकि इस मुद्दे पर सारे विधायकों के विचार जानने के लिए उन्होंने रविवार को विधायक दल की बहुप्रतीक्षित बैठक बुलाई है।
इससे पहले मुख्यमंत्री पद पर अपने दिवंगत पिता की उत्तराधिकारी मानी जा रही महबूबा ने कहा कि मुफ्ती सईद ने इस उम्मीद में बीजेपी के साथ गठजोड़ करने का एक साहसिक पर अलोकप्रिय फैसला किया था कि केंद्र में नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर और इसके लोगों से जुड़ी प्रमुख राजनीतिक एवं आर्थिक मुद्दों का हल करने के लिए निर्णायक उपाय करेंगे।
हालांकि, उन्होंने इस बात की आलोचना की कि राज्य और नई दिल्ली के कुछ हलकों ने जम्मू कश्मीर में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने के लिए साझेदारी करने तथा सईद की दूरदृष्टि को लागू करने की बजाय स्पष्ट या अस्पष्ट रूप से उन मुद्दों पर अक्सर विवाद को तूल दिया जिन्हें टाला जा सकता था। इससे राज्य सरकार की ऊर्जा नष्ट हुई। उन्होंने कहा कि आसपास ऐसे उल्लंघनकारी परिस्थितियों में पार्टी को अब इसकी फिर से समीक्षा करनी होगी कि राज्य के लोगों के बीच सुलह की कोशिशों के दौरान अक्सर लगने वाले झटकों को हम सह पाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि उनके दिवंगत पिता के नेतृत्व में 10 महीने चली गठबंधन सरकार राजनीतिक और आर्थिक कोशिशों पर बहुत कम गतिविधि ही कर सकी। उन्होंने कहा कि इसके बजाय शासन पर किए गए अच्छे कार्यों पर कुछ घटनाक्रमों का नकारात्मक असर पड़ा।
महबूबा ने कहा कि भारत सरकार को जम्मू कश्मीर में शांति एवं स्थिरता के हित में पीडीपी-बीजेपी 'गठजोड़ के एजेंडा' को लागू करने की लिए ठोस उपाय करने होंगे तथा एक तय समय सीमा निर्धारित किए जाने की जरूरत है। महबूबा ने बैठक में कहा कि वह तभी जाकर कोई फैसला करेंगी, जब भाजपा गठबंधन के उद्देश्य को इसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने का उसे विश्वास दिलाएगी। यह गठबंधन मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ किया था।
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