अयोध्या।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले रामनगरी अयोध्या का हर मोड़,मंदिर-मार्ग और घर-आंगन दिव्यता से झिलमिला उठा है।कार्यक्रम में आंशिक बदलाव से पीएम मोदी इस बार हनुमानगढ़ी दर्शन करने नहीं जाएंगे।
ध्वजारोहण समारोह राम मंदिर की पूर्णता का संदेश है और मंदिर में प्रभु श्रीराम विराजित हो गए हैं। प्रभु श्रीराम के स्वागत को लेकर रामनगरी वैसे ही सजाई जा रही है जैसे उनके आगमन पर अवधपुरी निखरी होगी।
हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास ने बताया कि हनुमानगढ़ी में पीएम के आगमन की कोई सूचना नहीं है,पहले उन्हें हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए आना था।राम मंदिर परिसर में मेहमानों के बैठने के लिए बनाए गए ब्लॉकों की संख्या 15 से बढ़ाकर 19 कर दी गई है। रविवार को हर एक ब्लॉक में कुर्सियां लगाने का काम चलता रहा।मेहमानों को प्रवेशिका भी दी जाने लगी है, इस पर अंकित क्यूआरकोड को स्कैन करने के बाद उनकी पहचान होगी, फिर उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा।
मेहमानों का आगमन आज सोमवार से शुरू हो गया है।कारसेवकपुरम और तीर्थ क्षेत्र पुरम में मेहमानों की सुविधा के लिए कार्यालय भी खोल दिए गए हैं। अवध,काशी,गोरक्ष और कानपुर प्रांत के अलग-अलग कार्यालय बनाए गए हैं।मेहमानों को इन कार्यालयों से हर जरूरी जानकारी और सुविधा के लिए मार्ग दर्शन प्राप्त होगा। वहीं राम मंदिर ट्रस्ट की ओर आठ स्थानों पर सात भोजनालय का शुभारंभ भी रविवार से हो गया है।
अंगद टीला पर संचालित सीता रसोई में रामलला का प्रसाद पाकर श्रद्धालु तृप्त हो रहे हैं। राम मंदिर में रविवार रात लेजर शो का रिहर्सल भी किया गया। मंदिर के शिखर से लेकर मंडपों पर लेजर शो के जरिये राम विवाह के दृश्य दर्शाए गए।
राम मंदिर अभी ऐसा लग रहा है मानो स्वर्ग की बगिया धरती पर उतर आई हो। थाईलैंड,वियतनाम आदि देशों से आए दुर्लभ फूलों की सुगंध से प्रांगण दिव्यमय हो उठा है। गुलाबी और सफेद लिलियम,आर्किड की मोहक पंखुड़ियां,ट्यूलिप के कोमल रंग,स्टार,दहेलिया आदि मिलकर मंदिर को एक भव्य आभा दे रहे हैं।
शंकराचार्य द्वार, रामानंदाचार्य द्वार, माध्वाचार्य द्वार को सजाने में कुल 30 क्विंटल फूलों का प्रयोग किया गया है। पूरे मंदिर परिसर को सजाने में 80 क्विंटल देशी-विदेशी फूलों का प्रयोग हुआ है।
ध्वजारोहण समारोह के लिए संघ ने पूरी ताकत झोंक दी है। मैराथन बैठकों का दौर जारी है। रविवार को भी राममंदिर के यात्री सुविधा केंद्र में बैठक हुई। बैठक में जिन समाज के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं उसकी भी जानकारी दी गई।
इनमें कहार, बारी, बक्सोर, नाई, कुम्हार, गड़ेरिया, लोधी, यादव, माली, धोबी, लोहार, तमोली, पासी, वाल्मीकि, रविदास, बहेलिया, कसौधन, नट, कुर्मी, सिख और अन्य समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अलावा मुस्लिम, सिख व जैन धर्म से भी मेहमान आमंत्रित हैं।