हमीरपुर वाले वीडियो पर सपा मुखिया अखिलेश ने योगी सरकार पर कसा तंज,बोले-यूपी में एंबुलेंस की जगह चलने लगी बैलगाड़ी
हमीरपुर वाले वीडियो पर सपा मुखिया अखिलेश ने योगी सरकार पर कसा तंज,बोले-यूपी में एंबुलेंस की जगह चलने लगी बैलगाड़ी

27 Oct 2025 |   47



 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक गांव में एंबुलेंस न पहुंचने से एक गर्भवती महिला को परिजनों द्वारा बैलगाड़ी से अस्पताल ले जाया गया।इसका वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सियासत शुरू हो गई।वायरल हो रहे बैलगाड़ी वाले वीडियो पर पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है।अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर एम्बुलेंस को बैलगाड़ी में बदलने का आरोप लगाया और विकास के उसके दावों पर सवाल उठाया।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना का एक वीडियो भी साझा किया।अखिलेश ने पोस्टर कर कहा कि भाजपा के कुशासन ने एंबुलेंस को बुल ऐंस बना दिया है।उप्र में एंबुलेंस की जगह बैलगाड़ी चलने लगी है।क्या ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बैलगाड़ी खींचेगी।अगली बार मुख्यमंत्री जी जब फ़सल का मुआयना करने निकलें तो नीचे सड़क और एंबुलेंस का हाल भी देख लें।अगर न दिखाई दे तो दिल्ली की दूरबीन या ड्रोन का सदुपयोग कर लें।

अखिलेश यादव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री महोदय अगर नामपट्टिका तक सीमित नहीं कर दिये गये हैं तो समारोह में न सही, कम-से-कम बीमार लोगों की मुश्किलों में तो अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराएं।

बता दें कि यह घटना शनिवार को हमीरपुर जिले के मौदहा प्रखंड के परसदवा डेरा गौ घाट छानी गांव में हुई,जहां रेशमा को प्रसव पीड़ा हुई थी।कीचड़ वाली ज़मीन होने से एम्बुलेंस फंस जाने के बाद रेशमा के 60 वर्षीय ससुर कृष्ण कुमार केवट उसे बैलगाड़ी पर लगभग सात किलोमीटर दूर सिसोलोर स्वास्थ्य केंद्र ले गए।दलदली और ऊबड़-खाबड़ रास्ते से गुज़रने में लगभग तीन घंटे लगे।डॉक्टरों ने रेशमा के परिजनों को बताया कि प्रसव में अभी दो दिन बाकी हैं और शुरुआती इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गयी। 

स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाके के लगभग 500 लोगों को हर मानसून में ऐसी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है,क्योंकि कच्ची सड़क कीचड़ भरे दलदल में बदल जाती है, जिससे वे आसपास के शहरों से अलग हो जाते हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता अरुण निषाद ने कहा कि इमरजेंसी में हमारे पास मरीज़ों को अपने कंधों या बैलगाड़ियों पर ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं होता है।अरुण ने कहा कि ग्रामीणों ने मार्च 2024 में एक अच्छी सड़क की मांग को लेकर छह दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था।उस समय के उप जिलाधिकारी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि लोकसभा चुनाव के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन एक साल से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई काम शुरू नहीं हुआ है। 

गांव वालों ने दावा किया कि उन्होंने अब जिला प्रशासन, स्थानीय विधायक से दखल देने और उनके गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली पक्की सड़क बनवाने की अपील की है।

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