बरेली।उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के आंवला तहसील क्षेत्र में विधवा पेंशन में बड़ा गड़बड़झाला सामने हुआ है।यहां पिछले पांच-छह महीनों से कई सुहागिन महिलाएं खुद को विधवा बताकर महिला कल्याण विभाग से विधवा पेंशन ले रही थीं। जांच में मामला खुलने पर अब प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।जिला प्रोबेशन अधिकारी ने इन अपात्र लाभार्थियों से रिकवरी के लिए डीएम से अनुमति मांगी है।
अभी तक 59 महिलाओं को नोटिस जारी हो चुका है। लगभग 22.86 लाख रुपए की वसूली की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन सभी महिलाओं के पति जीवित हैं और खेती या मजदूरी कर अपनी जीविका चला रहे हैं।कई महिलाएं पिछले 5-6 सालों से विधवा पेंशन ले रही थीं।भीमपुर गांव के प्रधान श्रीपाल ने बताया कि उनके गांव की दो महिलाओं को 69-69 हजार रुपए की रिकवरी का नोटिस मिला है,उन्होंने पुष्टि की कि दोनों के पति जीवित हैं।
बता दें कि फरवरी 2025 में उपजिलाधिकारी ऑफिस को शिकायतें मिलीं कि कुछ विवाहित महिलाएं फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर विधवा पेंशन ले रही हैं,इसके बाद खंड विकास अधिकारियों ने रामनगर,आलमपुर,जाफराबाद और मझगवां में जांच कराई।जांच में कई महिलाएं विधवा पेंशन के लिए अपात्र पाई गईं।अब इन महिलाओं से वसूली के लिए नोटिस भेजा गया है। साथ ही इनके फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर पेंशन पाने की जांच गहराई से की जा रही है।
गांव गोठा खंडूवा,ढकिया,उरला,वरासिरसा, मुगलपुर,टांडा गौटिया,रसूला,भीमपुर,कुंवरपुर,लभारी और नंदगांव की महिलाओं को 14 हजार से लेकर 69 हजार रुपए तक की रिकवरी के नोटिस भेजा गया है।
इस मामले में डीएम अभिनाश सिंह ने कहा कि जिन महिलाओं ने गलत तरीके से विधवा पेंशन ली है, उनसे वसूली की जाएगी।मामले की गंभीरता को देखते हुए फर्जी प्रमाण पत्रों की भी जांच हो रही है।दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।