महराजगंज।ऑपरेशन सिंदूर के बाद से उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के कनमिसवा में इंडो-नेपाल-बॉर्डर पर सख्ती बरती जा रही है।बुधवार को थाना क्षेत्र के नेपाल कनमिसवा से होकर आ रहे बरातियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।दूल्हे ने जहां दुल्हन को लेकर पैदल ही बार्डर पार किया तो वहीं विदाई में मिले सामान को बराती अपने सिर पर लेकर भारतीय सीमा क्षेत्र में पहुंचे।सीमा में प्रवेश के बाद दोनों को गाड़ी से घर ले जाया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक इंडो-नेपाल के सीमा क्षेत्र के अधिकांश परिवारों के रिश्ते दोनों देशों में हैं,लेकिन हाल के दिनों में सीमावर्ती क्षेत्र में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी संदिग्धों और ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद से ही बॉर्डर पर सुरक्षा एजेंसियां काफी सख्ती बरत रही हैं।लगन शुरू होते ही पहले से तय शादियों को मुहूर्त देखकर पूर्ण किया जा रहा है। 27 मई को थाना क्षेत्र के मिश्रवलिया के विजयमल गौतम की बरात नेपाल के जिला नवलपरासी के सुस्ता नंबर पांच महलबारी में मिश्रीदास गौतम के वहां गई थी।
दूल्हे विजयमल गौतम ने बताया कि सीमा पर उनकी गाड़ी को नेपाल जाने से रोक दिया गया।वह बरातियों के साथ पैदल सीमा पार कर नेपाल पहुंचे।यहां से दूसरी गाड़ी से सुस्ता नंबर पांच महलबारी पहुंचे।वापसी में वह गाड़ी से दुल्हन को साथ लेकर सीमा पर पहुंचे,जहां पर एक बार फिर उनकी गाड़ी को रोक दी गई।विजयमल ने बताया कि ऐसे में वह दुल्हन कंचना गौतम को पैदल लेकर सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र पहुंचे। वहां से भारतीय वाहन से फिर अपने घर को गए।विदाई में मिले सामान को भी बरातियों की मदद से पैदल सीमा पार कराया गया।सामान को भी कई बराती सिर पर लेकर सीमा पार ले आए।
दुल्हन के पिता रामप्रसाद ने बताया की सीमा पर सख्ती होने से दोनों तरफ गाड़ियां तय करनी पड़ी। तब जाकर दुल्हन और सामान घर तक पहुंचा।इससे जेब पर भारी खर्च पड़ रहा है। बता दें कि बॉर्डर क्षेत्र के ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की कि लगन को देखते हुए दूल्हे और दुल्हन की गाड़ियां इस पार से उस पार जाने दिया जाए, ताकि शादी की रस्म पूरी हो सके।