इमरान मसूद ने हिलाई अखिलेश की मुस्लिम सियासत की जड़ें,सपा सांसद राजीव राय ने इमरान को भाजपा का एजेंट बताकर क्या सपा की बढ़ा दी टेंशन:धनंजय सिंह 
इमरान मसूद ने हिलाई अखिलेश की मुस्लिम सियासत की जड़ें,सपा सांसद राजीव राय ने इमरान को भाजपा का एजेंट बताकर क्या सपा की बढ़ा दी टेंशन:धनंजय सिंह 

13 Jun 2025 |   39



 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस साथ आई थी।यूपी के दो लड़कों (अखिलेश यादव और राहुल गांधी) की ये जोड़ी हिट साबित हुई थी।इस जोड़ी ने भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त दी थी।सपा और कांग्रेस ने मिलकर 80 में से 43 सीटें जीत लीं।अब यूपी की सियासत में सपा और कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।कांग्रेस यूपी में अपने खोए सियासी आधार को दोबारा से हासिल करने में जुटी है तो सपा अपनी राजनीतिक जमीन पर हरहाल में पकड़ बनाए रखना चाहती है।सपा और कांग्रेस के बीच असली लड़ाई मुस्लिम वोट को लेकर है।कांग्रेस मुस्लिम वोटों को अपने पाले में रखने की कवायद में जुटी है में तो सपा किसी भी सूरत में अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती है।सपा और कांग्रेस में सियासी शह-मात का खेल चल रहा है।

सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सपा की मुस्लिम वोट बैंक नीति पर सवाल उठाए हैं,जिससे सपा और कांग्रेस में  जुबानी जंग छिड़ गई है।सपा सांसद राजीव राय ने इमरान मसूद को भाजपा का एजेंट बताया है।ये टकराव 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा और कांग्रेस की जोड़ी को तोड़ सकता है।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मुस्लिमों को कांग्रेस के पाले में लाने के लिए मोर्चा खोल दिया है।पहले सपा विधायक आशु मलिक उतरे और अब दो दिन पहले सांसद राजीव राय ने इमरान मसूद को भाजपा का एजेंट बताया है।इसके बाद इमरान मसूद ने जवाबी हमला बोल दिया।सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुस्लिम सियासत पर इमरान मसूद ने हमला बोलते हुए कहा कि सपा को मुसलमान नहीं चाहिए बल्कि दरी बिछाने वाले चाहिए।इमरान मसूद ने सपा की मुस्लिम सियासत की परत-दर-परत खोलकर रख दी।

2024 के लोकसभा चुनाव में सहारनपुर से कांग्रेस से इमरान मसूद सांसद बने।इमरान मसूद ने 17 साल बाद 2024 में जीत हासिल की।इसके बाद से ही मुस्लिम चेहरा बनने की कवायद में इमरान मसूद जुटे हैं।वक्फ संशोधन कानून के लिए बने जेपीसी में सदस्य रहते हुए इमरान मसूद ने पूरी मजबूती के साथ मुस्लिमों की बात रखी थी।सांसद से सुप्रीम कोर्ट तक वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ इमरान मसूद खड़े दिखे। इमरान मसूद मुस्लिमों से जुड़े मुद्दे पर मुखर हैं और सपा से लेकर दूसरे दलों पर सवाल उठाते रहते हैं।

इमरान मसूद ने सहारनपुर के देहात सीट से सपा विधायक आशू मलिक के खिलाफ मोर्चा खोला था अब सपा की मुस्लिम सियासत को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।इसके अलावा 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए इमरान साफ कह चुके हैं कि कांग्रेस को सम्मान जनक सीटें मिलती हैं,तभी सपा के गठबंधन होगा,कांग्रेस अब 17-80 वाले फॉर्मूले पर नहीं चलेगी,कांग्रेस को लोकसभा में 17 सीटें मिली थी और उस लिहाज से विधानसभा की 80 सीटें मिलने की बात है।इमरान मसूद ने इस फॉर्मूले को पूरी तरह से नकार रहे हैं,जिसे लेकर सपा इमरान मसूद को भाजपा का एजेंट बताने लगी है।

सपा की तरफ से पहले विधायक आशु मलिक उतरे थे। सांसद राजीव राय ने दो दिन पहले इमरान मसूद पर करारा हमला बोला। राजीव राय ने इमरान मसूद को भाजपा का एजेंट करार दिया।राजीव राय ने कहा कि इमरान मसूद को ना कांग्रेस ने अधिकृत किया है और ना ही वो इंडिया गठबंधन के प्रवक्ता है और ना ही उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं। राजीव राय ने कहा इमरान मसूद सपा के सहारे जीते हुए एक सांसद हैं, उनको ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए जिसकी उम्मीद भाजपा करती है।

राजीव राय ने कहा कि भाजपा को मदद करने के लिए इमरान मसूद ऐसे अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।राजीव राय ने‌ आरोप लगाया कि इमरान मसूद तो भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं,इसका संज्ञान कांग्रेस को लेना चाहिए। बीते दिनों सपा विधायक आशु मलिक ने इमरान मसूद को भाजपा के इशारे पर काम करने के आरोप लगाते हुए हमला बोला था।इसके अलावा सपा के कई नेताओं ने इमरान मसूद के सियासी तेवरों की आलोचना कर चुके हैं।

सपा सांसद राजीव राय ने इमरान मसूद को भाजपा का बताकर उनके तेवर को और भी आक्रामक बना दिया है। इमरान मसूद ने सपा की मुस्लिम सियासत की जड़े पूरी तरह से हिलाकर रख दी है।इमरान मसूद ने कहा कि लोग तय करेंगे कि कौन भाजपा का एजेंट है,आगे चलकर आपके लिए (राजीव राय) भाजपा का तो रास्ता खुल सकता है,लेकिन हमारे लिए कभी नहीं खुल सकता।इमरान मसूद ने कहा कि हमें भाजपा एजेंट बताना आसान है,क्योंकि सपा को बोलता हुआ मुसलमान नेता बर्दाश्त नहीं होता है।सपा को दरी बिछाने वाले नेता चाहिए, बोलते हुए मुस्लिम नहीं।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बिना नाम लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुस्लिम सियासत को लेकर सवाल खड़े कर दिए। इमरान मसूद ने कहा कि मुसलमानों से जुड़े तमाम मुद्दों पर खामोशी,आपकी पार्टी की लाइन,मुसलमानों को बेचैन करती है।मुकदमा दर्ज कराकर मुसलमानों की बोलती हुई आवाजों को खामोश कर दिया गया,जो मुसलमानों की आवाज उठाएगा,उसे आप भाजपा का एजेंट बताएंगे।

सपा पर हमला बोलते हुए इमरान मसूद कहा कि आपको सिर्फ दरी बिछाने वाले चाहिए,बोलते मुस्लिम आपसे बर्दाश्त नहीं होता,आपको ऐसे मुस्लिम चाहिए जो चुप रहे,आपकी चाकरी करे,जब मैं अपनी पार्टी के उत्थान की बात कर रहा हूं, तो आप सीधे हमला करने की कोशिश कर रहे हैं और मैं भाजपा एजेंट क्यों बनूंगा।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि जितने बोलने वाले मुसलमान हैं,वो तो सब आपने (अखिलेश) खत्म कर दिए। इमरान मसूद ने कहा कि आजम खान की बर्बादी की दास्तान किसी से छिपी नहीं है,जाहिद बेग एक साल बाद जेल से बाहर आए हैं,इरफान सोलंकी जेल के अंदर हैं,कादिर राणा की बर्बादी सामने है। इमरान मसूद ने कहा साल 2009 में कल्याण सिंह और साक्षी महाराज को किसने जॉइन कराया था,पार्लियामेंट में खड़े होकर नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने की कामना किसने की थी,जब वक्फ संशोधन बिल संसद में पास हुआ तो आपने अपना स्टैंड बता दिया,पूरे देश ने देखा कि आपने कैसा स्पीच दिया,पता चल गया कि कौन मजाक उड़ा रहा था,इस मुद्दे पर आपकी तरफ से कोई अमेंडमेंट तक नहीं हुआ।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि 2022 के चुनाव में एक तरफा वोट मुसलमानों ने सपा को दिया,आप सरकार नहीं बना पाए,इसके लिए मुसलमान जिम्मेदार नहीं है।सरकार नहीं बनी तो परिणाम मुसलमानों को भुगतना पड़ रहा है,आपने 2022 में मुसलमानों के टिकट इस लिए काट दिए और उपचुनाव में टिकट देंगे,हारेंगे,पिटेंगे और मुकदमे भी झेलेंगे। इससे आप पर तो फर्क नहीं पड़ रहा,फर्क तो अब्दुल पर पड़ रहा है,आज हमारी दरगाहें तोड़ी जा रही,हमारी मस्जिदें शहीद होंगी,बहराइच में सालार गाजी की पूरी मान्यता है,उसके बाद भी दरगाह को सीधा टारगेट किया जा रहा,नेजा मेला संभल में रोका गया तो आपका स्टैंड क्लियर नहीं है,हम सिर्फ यह बात कर रहें कि अब्दुल सिर्फ दरी नहीं बिछाएगा,परेशानी तो हमारे हिस्से में आती हैं, आपके हिस्से में तो आती नहीं हैं।

अखिलेश यादव के सियासी फॉर्मूले पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सवाल खड़े कर दिए हैं।इमरान मसूद ने कहा कि अखिलेश यादव की पीडीए में मुसलमान कहां है,इन्हें सिर्फ वोट चाहिए या हक भी देंगे,हम भिखारी नहीं हैं जो ये सीटें फेंकें और हम उठा लें,अब बराबरी की बात होगी,मुसलमानों ने राहुल गांधी को वोट दिया है और वो अकेले लड़ रहे हैं,हमें भाजपा का ऊआसान है, क्योंकि,आपको बोलता हुआ मुसलमान बर्दाश्त नहीं होता। इमरान मसूद ने सपा पर मुस्लिम के हितों की अनदेखी की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए याद दिलाया कि साल 2019 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने नरेंद्र मोदी के दोबारा से प्रधानमंत्री बनने की कामना की थी।

इमरान मसूद ने जिस तरह से सियासी तेवर अख्तियार कर रखा है,उसमें उन्हें छेड़ना मधुमक्खी के छत्ते में हाथ लगाने जैसा है। इमरान मसूद ने जिस तरह से सपा की मुस्लिम सियासत पर सवाल खड़े किए हैं, उसका सियासी असर 2027 के चुनाव में पड़ सकता है।यूपी की सियासत में मुसलमानों को लेकर सियासी दलों के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है।यूपी में लगभग 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। सपा,बसपा और कांग्रेस की नजर मुस्लिम वोटों पर है। असदुद्दीन ओवैसी भी आस लगाए बैठे हैं तो भाजपा भी पसमांदा मुस्लिम कार्ड खेल रही है।यूपी में कुल 403 विधानसभा सीट हैं,इनमें से लगभग 143 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटर प्रभावशाली हैं।वहीं यूपी की 43 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटरों का ऐसा असर है कि मुस्लिम उम्मीदवार यहां अपने दम पर जीत हासिल कर सकते हैं।इन्हीं विधानसभा सीटों पर मुस्लिम विधायक बनते रहे हैं।यूपी की सियासत में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व उनकी आबादी के तुलना में हमेशा से कम रहा है। यूपी में जब-जब भाजपा की सरकार बनी तब-तब मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व कम हुआ है। 2017 की तुलना में 2022 में मुस्लिमों विधायकों की संख्या बढ़ी है। 2017 में 24 मुस्लिम विधायक थे और 2022 में 34 मुस्लिम विधायक हैं।

बताते चलें कि आजादी के बाद से नब्बे के दशक तक यूपी का मुस्लिम वोटर कांग्रेस का परंपरागत वोटर रहा है,लेकिन राम मंदिर आंदोलन की वजह से मुस्लिम कांग्रेस से दूर हुए तो मुलायम सिंह यादव की वजह से सबसे पहली पसंद सपा बनी और उसके बाद मुस्लिमों ने बसपा को अहमियत दी।सपा और बसपा के बीच मुस्लिम वोट बंटता रहा,लेकिन 2022 विधानसभा के चुनाव में मुस्लिम एकमुश्त होकर सपा के साथ गया।

मुस्लिमों का सपा के साथ एकजुट होने का फायदा अखिलेश यादव को मिला। सपा 47 सीटों से बढ़कर 111 सीटों पर पहुंच गई।सीएसडीएस की रिपोर्ट के मुताबिक 83 फीसदी मुस्लिम सपा के साथ थे।बसपा और कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मुसलमानों ने वोट नहीं दिया था।असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को भी मुस्लिमों ने नकार दिया था।इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों ने कांग्रेस-सपा गठबंधन को 90 फीसदी वोट दिया है।सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही। यहीं से कांग्रेस और सपा के बीच मुस्लिम वोटों को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है।

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