ग्रेटर नोएडा।जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 83 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे के जरिये गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।इसके जुड़ जाने से उत्तर प्रदेश के 22 जिले के लोगों के लिए को राहत मिलेगी।उन्हें एयरपोर्ट आने-जाने में आसानी होगी।उत्तराखंड के लोगों को भी एयरपोर्ट पहुंचने में आसानी होगी।लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि का सर्वे कर लिया गया है। सर्वे में लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए तैयार संरेक्षण (एलाइन्मेंट) एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अधिगृहीत जमीन से गुजर रहा है।
जेवर में बन रहा देश का सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे
यमुना प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पत्र भेजकर इससे अवगत कराया है।प्राधिकरण के पत्र के बाद लिंक एक्सप्रेस-वे के एलाइन्मेंट में बदलाव किया जा सकता है।जेवर में बन रहे देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे को सड़क कनेक्टिविटी के लिए विभिन्न विकल्प तैयार हो रहे हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी के लिए 31 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेस-वे बन रहा है।भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग इसका निर्माण कर रहा है। दिसंबर तक इसके पूरा होने की संभावना है।मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेस-वे से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा।
लगभग चार हजार करोड़ लागत,एक हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरत
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए रेडिकॉन इंडिया प्रा. से अध्ययन और सर्वे कराया है। इसके तहत गंगा एक्सप्रेस-वे के चैनेज 44 से लिंक एक्सप्रेस-वे शुरू होकर यमुना एक्सप्रेस-वे के चैनेज 30 पर जुड़ेगा। 83 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 68 गांवों से होकर प्रस्तावित किया गया है। इस पर लगभग चार हजार करोड़ लागत और एक हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी।
यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरि प्रताप शाही ने यमुना प्राधिकरण को पत्र भेजकर लिंक एक्सप्रेस-वे के संरेक्षण में आने वाली जमीन का मिलान का आग्रह किया था, ताकि यमुना प्राधिकरण की किसी परियोजना पर इसका विपरीत असर न पड़े।यमुना एक्सप्रेस-वे पर जहां लिंक एक्सप्रेस-वे जुड़ रहा है। वह क्षेत्र जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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